मेरे विचार और व्यक्तित्व के निर्माण में नवोदय विद्यालय का प्रमुख योगदान रहा है

मेरे लिए नवोदय विद्यालय में प्रवेश एक अद्वितीय और जीवन बदलने वाला अनुभव था। जब मैं आज ही के दिन 10 अगस्त 2015 को एक छात्र के रूप में नवोदय विद्यालय में प्रवेश करता हूं तो मेरे जीवन में एक नया अध्याय शुरू होता है। यह अनुभव न केवल शैक्षणिक विकास बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक विकास का भी आधार बनता है। नवोदय विद्यालय का आधार ही सर्वांगीण विकास की नींव पर खड़ा है।

नवोदय विद्यालय में प्रवेश लेने के बाद का अनुभव अलग था। वहां सबसे पहले मेरा सामना एक अनुशासित वातावरण से होता है। हर दिन समय सारणी में बंधा होता है, जिसमें सुबह से लेकर रात तक के सभी कार्य व्यवस्थित होते हैं। इस तरह का अनुभव मेरे लिए पहले अनुभवों में से एक था।

पहले कुछ दिनों में ही मुझे विभिन्न शहरों और पृष्ठभूमियों से आए हुए नए दोस्तों से मिलने का अवसर मिला और अलग अलग चीजें सीखने को मिली। यहां की विविधता ने मेरे अंदर एकता में शक्ति की भावना को विकसित किया। यहां विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, और परंपराओं के बारे में जानने का मौका मिला। इसके अलावा त्रिभाषिय सूत्र के आधार पर भी अलग राज्यों से जुड़ने का अवसर मिला। मेरे यहां तीसरी भाषा के रूप में आसामी पढ़ाई जाती थी। 

नवोदय विद्यालय की शिक्षण पद्धति अत्यधिक प्रभावी होती है। आज के समय में हर क्षेत्र में आपको कोई न कोई नवोदय विद्यालय का छात्र मिल जायेगा। यहां के शिक्षकों ने मुझे न केवल पाठ्यक्रम की सामग्री में माहिर बनाया, बल्कि मुझे नैतिक और सामाजिक मूल्यों के आधार पर भी मजबूत बनाया हैं। 

पढ़ाई के अलावा, नवोदय विद्यालय में खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों, और अन्य सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। मुझे यहां विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने का मौका मिला और मेरे आत्मविश्वास में वृद्धि हुई। मुझे भी मेरे रुचि के हिसाब जो पहला मंच मिला था वो नवोदय विद्यालय का मंच था।

इन सात वर्षों की यात्रा में मैं शैक्षिक रूप से परिपक्व तो हुआ ही इसके अलावा यहां जीवन की महत्वपूर्ण बातें जैसे समय का प्रबंधन, टीम वर्क, नेतृत्व की क्षमता, और आत्मनिर्भरता भी सीखा हूं। 

नवोदय विद्यालय से निकलने के बाद मैं छात्र जीवन में आने वाली हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहता हूं, जिसका पाठ मुझे नवोदय विद्यालय में पढ़ाया गया था। यह यात्रा मेरे जीवन के महत्वपूर्ण यात्राओं में से एक रहा है।

आज नवोदय विद्यालय पर कई सारे प्रश्न खड़े होते हैं, जो होना भी चाहिए। इन सब से इतर नवोदय विद्यालय में मेरे बिताए गए सात साल एक छात्र के रूप में जीवन की नींव रखते हैं। मेरे सामाजिक,राजनीतिक और सांस्कृतिक विकास में नवोदय विद्यालय का अहम योगदान है। आज ही के दिन राजीव गांधीजी के दूरदर्शी और वैज्ञानिक सोच की वजह से मेरा दाखिला नवोदय विद्यालय में हुआ था।

आज जब भी नवोदय को याद करता हूं तो लगता फिर से उस मिट्टी में घुल मिल जाऊं जिस मिट्टी ने मुझे अपने अधिकार और अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाया।

अंततः मेरे विचार और व्यक्तित्व के निर्माण में नवोदय विद्यालय का प्रमुख योगदान रहा है। मैं इस माटी को नमन करता हूं जिसने मुझे 7 सालों तक अपनी गोद में हर रूप से सींचा।

  दिव्यांश गांधी 
जवाहर नवोदय विद्यालय
  जमुई (बिहार)
 2015-2022

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