असीमित ऊर्जा और जोश वाले युवा को आंदोलन में शामिल करना आसान होता है।

नए नामांकन का दौर शुरू है। विश्वविधालय में नामांकन प्रक्रिया जारी है। अब मुद्दे की बात करते हैं।

विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र अक्सर युवा और ऊर्जावान होते हैं यानी क्रांतिकारी विचारों से ओत प्रोत होते हैं। उनके पास समाज में परिवर्तन लाने की क्षमता होती है। राजनीतिक दल इसे पहचानते हैं और चाहते हैं कि ये युवा उनके एजेंडे का हिस्सा बनें, जिससे वे अपने विचारों और उद्देश्यों को आगे बढ़ा सकें। इसमें भावुक छात्र बुरी तरह से फंस जाते हैं।

युवा जोश में छात्रों में आदर्शवाद,नैतिकता और नई सोच को अपनाने की प्रवृत्ति अक्सर होती है। वे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित होते हैं। इसी दौरान राजनीतिक दल इस आदर्शवाद और नैतिकता भरे गुब्बारे का उपयोग करके अपने सिद्धांतों को उनके मन में बैठाने का प्रयास करते हैं। 

राजनीतिक दल कई विश्वविद्यालय के छात्रों को अपने उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करते हैं, उन्हें आंदोलन, रैलियों, या प्रचार कार्यों में शामिल करके। झंडा धोने वाले लोग भी इन राजनीतिक पार्टियों को यही से मिल जाता है।

नए छात्र, जो हाल ही में स्कूल की सीमित संरचना और संसाधन से बाहर निकले होते हैं, विश्वविद्यालय के स्वतंत्र और खुले वातावरण में प्रवेश करते हैं। उनके पास असीमित ऊर्जा और जोश होता है, जो किसी भी आंदोलन या क्रांति के लिए आवश्यक तत्व होते हैं। वे सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं और बदलाव लाने की तीव्र इच्छा रखते हैं। इस ऊर्जा का इस्तेमाल करके उन्हें किसी क्रांतिकारी आंदोलन में शामिल करना आसान हो जाता है।

क्रांति करना,परिवर्तन लाना आदि आदि जैसी चीजें अच्छी बात है लेकिन इन राजनीतिक दलों का झंडा ढोने का खिलौना मत बनिये। खुद के अंदर साहसिक नेतृत्व पैदा कीजिए। यदि वास्तविक उद्देश्य के लिए आप क्रांति कर रहे हैं तो अच्छी बात है लेकिन आप राजनीतिक दलों का खिलौना बन कर क्रांति कर रहे हैं तो सीधा मतलब है आप इस्तेमाल हो रहे हैं।

जिंदगी में ज्यादा भावुक बिल्कुल नही होना है। अंतिम पंक्ति क्रांति ही उतना कीजिए जितना में पेट भर जाए। 
पंडित गोविंद व्यास जी कहते हैं 
"फुर्सत तो मुझे भी थी बहुत देश के लिए 
  जब पेट भर गया तो मुझे नींद आ गई" 

~दिव्यांश गांधी

1 टिप्पणी:

राजनीति अल्पकालिक धर्म है और धर्म दीर्घकालिक राजनीति है" : डॉ. लोहिया

डॉ. राम मनोहर लोहिया भारतीय राजनीति के ऐसे प्रखर विचारक थे, जिन्होंने अपने समय में राजनीति और सामाजिक न्याय को एक नई दिशा दी। उन...

Blogger द्वारा संचालित.