मनुष्य मानसिक रूप से कई बार मरता है और हर बार नए नए रूप में जन्म लेता जाता है.
आपके विचारों में 'सुसाइडल थॉट्स ' आना एक मानसिक और मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है.इसकी बहुत सारी वजह हो सकती है जैसे सामाजिक,आर्थिक आदि. यह मनुष्य के जीवन की एक आत्मीय प्रक्रिया है दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक आत्मीय संघर्ष है. वह टूट चुका होता है बिखर चुका होता है कई तरह के पीढ़ा को झेलकर. वह फिर से टूटकर ,बिखरकर खड़ा होता जैसे पक्षियों के अंडे से जन्म लेती है उनके बच्चें.
मनुष्य मानसिक रूप से कई बार मरता है और हर बार नए नए रूप में जन्म लेता जाता है. इस दौरान वह हंसना चाहता है लेकिन चेहरे की मुस्कुराहट झूठी होती है. वह रोना चाहता है लेकिन रो नहीं पाता है. इसी प्रक्रिया का एक अंश है जब एक समय आता है वह दूरी बनाना चाहता है उन लोगों से जिससे उसको ठेस पहुंची हो या भविष्य में पहुंचने की गुंजाइश हो. मानसिक रूप से फिर से नए जन्म के बाद वह खुद को इस तरह बदल लेता है जिसकी कल्पना सामने वाले के लिए करना कठिन हो जाता है.
वह मग्न हो जाता है अपनी उन दुनिया में जहां साथ देने और साथ लेने के लिए कुछ गिने चुने लोग बच जाते है. क्योंकि एक खूबसूरत रिश्ता विश्वास,भरोसे और उम्मीद पर कायम होती है.वह विश्वास,भरोसा और उम्मीद कुछ गिने चुने लोगों तक ही सीमित रह जाती है.
निष्कर्ष - कई बार जिनलोगों को आप अपने बहुत करीब का मानते है वही लोग सबसे ज्यादा आपके दुखों का कारण बनते है. जल्दबाजी में किसी से भी बहुत गहरे संबंध स्थापित करने से बचे. बहुत अच्छे तरीके से काफी दिनों के बातचीत के बाद सोच-समझ कर ही किसी से गहरे संबंध स्थापित करें. अन्यथा बुरे परिणाम मिल सकते है.
जावेद अहमद लिखते है:-
" बिखरना टूटना भी और अना के साथ भी रहना
सितम ईजाद भी करना वफ़ा के साथ भी रहना
तिरा अंदाज़ा ऐसा है अँधेरों की कहानी में
जलाना कुछ दिए भी और हवा के साथ भी रहना"
-दिव्यांश गाॅंधी
जज़्बात कायम रहे।
जवाब देंहटाएंजी बिल्कुल.
हटाएं👍👍👍
जवाब देंहटाएंBhout hi sundar hai apka vlog aur mai bhi iss daur se guzar Chuka hu 🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️
जवाब देंहटाएंBhout hi sundar 🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएं❤️🔥
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