भारत में हर रोज गायब होती है 345 लड़कियां : NCRB
भारत में हर रोज 345 लड़कियों का गायब हो जाना एक गंभीर सामाजिक चिंता का विषय है। यह आंकड़ा केवल एक संख्या नहीं है, बल्कि हर एक गायब हुई लड़की के साथ एक परिवार की बिखरी हुई उम्मीदों, टूटे हुए सपनों और सामाजिक असुरक्षा की कहानी को बुनती है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर दिन 345 लड़कियां गायब हो जाती हैं। इनमें से 170 लड़कियां किडनैप होती हैं, 172 लड़कियां लापता होती हैं और लगभग 3 लड़कियों की तस्करी कर दी जाती हैं।
वहीं, जुलाई 2023 में गृह मंत्रालय की भी एक रिपोर्ट में सामने आया था कि, 2019 से 2021 के बीच 13 लाख से भी ज्यादा महिलाएं और लड़कियां लापता हुईं। इनमें 18 साल से कम उम्र की करीब 2.5 लाख लड़कियां और 18 साल से ज्यादा उम्र की 10.61 लाख महिलाएं शामिल हैं। वहीं, ये घटनाएं सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में ही सामने आईं हैं।
इस भयावह आंकड़ों के पीछे मानव तस्करी का एक घातक और खतरनाक खेल छिपा हुआ है, जो समाज की बुनियादी संरचना को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।
मानव तस्करी एक ऐसी घिनौनी हरकत है जो समाज के हर वर्ग पर बुरा असर डालती है। इसके पीछे गरीबी, शिक्षा का अभाव, रोजगार के अवसरों की कमी, और कमजोर कानून व्यवस्था जैसे कारक हो सकते हैं।
कई मामलों में, घरेलू विवाद, जबरन शादी, या यौन शोषण के डर से लड़कियां खुद ही घर छोड़ देती हैं। लेकिन इनमें से बड़ी संख्या में लड़कियां तस्करी का शिकार हो जाती हैं, जिन्हें बाद में यौन शोषण या जबरन मजदूरी के लिए बेच दिया जाता है।
भारत में हर रोज NCRB रिपोर्ट के अनुसार 345 लड़कियों का गायब हो जाना और उनमें से कई का तस्करी का शिकार हो जाना एक गंभीर सामाजिक समस्या है।
(सोर्स: NCRB वेबसाइट,MH one news Website)
~~दिव्यांश गांधी
देश के लिए चिंतन का विषय। नारी सशक्तिकरण के लिए एक खुला चैलेंज सरकार के लिए। सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि जिस देश में नारी की पूजा होती है नारी के साथ ऐसा अन्य नहीं होना चाहिए प्रमोद कुमार सिंह और प्रधानी गांधी संग्रामपुर मुंगेर
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