"गोलियां चले या बम मंडल कमीशन लागू होकर रहेगा।बीपी सिंह

"राजा नही फकीर है देश का तकदीर है" नारा की गूंज 1990 के आस पास देश भर में गूंजी थी। देश के पूर्व प्रधानमंत्री बीपी सिंह जिन्होंने मंडल कमीशन के सिफारिशों को लागू कर देश भर में ओबीसी समुदाय को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया। 

मंडल कमीशन का वो दौर जहां पूरा देश आंदोलन की लपटों में था कोई विरोध में था तो कोई समर्थन में था। बीपी सिंह अपने ही सवर्ण समाज के सामने एक खलनायक के रूप में जाना जाने लगे। वही एक बहुत बड़े समुदाय के लिए किसी मसीहा और नायक से कम नहीं थे।

1990 के आस पास का/ मंडल कमीशन का वो दौर जिसने भारतीय राजनीति के ढांचे और स्वरूप को बदल कर रख दिया। बीपी सिंह के कहना था "गोलियां चले या बम मंडल कमीशन लागू होकर रहेगा।"

बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार की गंठबंधन वाली सरकार ने भी जातीय गणना और आर्थिक आंकड़े की रिपोर्ट दोनों ही कुछ दिनों पहले  सार्वजानिक कर दी है| एक बार फिर से देश भर में मंडल कमीशन की पुरानी यादें ताजा हो रही है | इसकी मांग देश भर अब होने लगी है।

सिंह जी का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहबाद जिले में एक राजपूत जमींदार परिवार में हुआ था। एक बड़ी आबादी जो मुखाधारा से पीछे छूट गई थी उसे मुख्यधारा के साथ जोड़ने का काम बीपी सिंह का था।सामाजिक राजनीतिक दूरदर्शी व समाजवाद और मंडल मसीहा बीपी सिंह को उनके पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।
-दिव्यांश

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